वशीकरण के अचूक उपाय
१. यदि शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो भोजपत्र का टुकड़ा लेकर उस पर
लाल चंदन से शत्रु का नाम लिखकर शहद की डिब्बी में डुबोकर रख दें। शत्रु वश
में आ जाएगा।
२. काले कमल, भवरें के दोनों पंख, पुष्कर मूल, श्वेत काकजंघा – इन सबको पीसकर सुखाकर चूर्ण बनाकर जिस पर डाले वह वशीभूत होगा।
३. छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी , काकड़सिंगी आदि सारी सामग्री
को इक्ट्ठा कर धूप बना दें व जिस किसी स्त्री के सामने धूप देगें वह वशीभूत
होगी।
४. काकजंघा, तगर, केसर इन सबको पीसकर स्त्री के मस्तक पर तथा पैर के नीचे डालने पर वह वशीभूत होती है।
५. तगर, कूठ, हरताल व केसर इनको समान भाग में लेकर अनामिका अंगुली के रक्त
में पीसकर तिलक लगाकर जिसके सम्मुख आएंगे वह वशीभूत हो जाएगा। ज्यादातर
सभावशीकरण करने के लिए यह प्रयोग किया जाता है।
६. पूर्वाफाल्गुनी
नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर लाएं व धूप देकर उसे अपनी दांयी भुजा में
बांध लें तो प्रत्येक व्यक्ति वशीभूत होगा।
७. शुक्ल पक्ष के रविवार
को ५ लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर
चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो
जाता है।
८. पीली हल्दी, घी (गाय का), गौमूत्र, सरसों व पान के रस को एक साथ पीसकर शरीर पर लगाने से स्त्रियां वश में हो जाती है।
९. बैजयंति माला धारण करने से शत्रु भी मित्रवत व्यवहार करने लगते हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने यह माला पहनी हुई थी व उन्हें यह अतिप्रिय थी व उनमें
सबको मोहित करने की अद्भुत क्षमता भी थी।
१०. कई बार पति किसी दूसरी
स्त्री के चंगुल में आ जाता है तो अपनी गृहस्थी बचाने के लिए स्त्रियां यह
प्रयोग कर सकती हैं। गुरुवार रात १२ बजे पति के थोड़े से बाल काटकर जला दें
व बाद में पैर से मसल दें अवश्य ही जल्दी ही पति सुधर जाएगा।
११. कनेर
पुष्प व गौघृत दोनों को मिलाकर, वशीकरण यंत्र रखें व आकर्षण मंत्र का जप
करें। जिसका नाम लेकर १०८ बार जप करेंगे तो वह सात दिन के अंदर वशीभूत हो
जाएगा।
सम्मोहन शक्तिवर्द्धक सरल उपाय :
१. मोर की कलगी रेश्मी वस्त्र में बांधकर जेब में रखने से सम्मोहन शक्ति बढ़ती है।
२. श्वेत अपामार्ग की जड़ को घिसकर तिलक करने से सम्मोहन शक्ति बढ़ती है।
३. स्त्रियां अपने मस्तक पर आंखों के मध्य एक लाल बिंदी लगाकर उसे देखने
का प्रयास करें। यदि कुछ समय बाद बिंदी खुद को दिखने लगे तो समझ लें कि
आपमें सम्मोहन शक्ति जागृत हो गई है।
४. गुरुवार को मूल नक्षत्र में केले की जड़ को सिंदूर में मिलाकर पीस कर रोजाना तिलक करने से आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
५. गेंदे का फूल, पूजा की थाली में रखकर हल्दी के कुछ छींटे मारें व गंगा
जल के साथ पीसकर माथे पर तिलक लगाएं आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
६. कई बार
आपको यदि ऐसा लगता है कि परेशानियां व समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। धन का
आगमन रुक गया है या आप पर किसी द्वारा तांत्रिक अभिकर्म” किया गया है तो आप
यह टोटके अवश्य प्रयोग करें, आपको इनका प्रभाव जल्दी ही प्राप्त होगा।
तांत्रिक अभिकर्म से प्रतिरक्षण हेतु उपाय
१. पीली सरसों, गुग्गल, लोबान व गौघृत इन सबको मिलाकर इनकी धूप बना लें व
सूर्यास्त के 1 घंटे भीतर उपले जलाकर उसमें डाल दें। ऐसा २१ दिन तक करें व
इसका धुआं पूरे घर में करें। इससे नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं।
२. जावित्री, गायत्री व केसर लाकर उनको कूटकर गुग्गल मिलाकर धूप बनाकर सुबह
शाम २१ दिन तक घर में जलाएं। धीरे-धीरे तांत्रिक अभिकर्म समाप्त होगा।
३. गऊ, लोचन व तगर थोड़ी सी मात्रा में लाकर लाल कपड़े में बांधकर अपने घर
में पूजा स्थान में रख दें। शिव कृपा से तमाम टोने-टोटके का असर समाप्त हो
जाएगा।
४. घर में साफ सफाई रखें व पीपल के पत्ते से ७ दिन तक घर में गौमूत्र के छींटे मारें व तत्पश्चात् शुद्ध गुग्गल का धूप जला दें।
५. कई बार ऐसा होता है कि शत्रु आपकी सफलता व तरक्की से चिढ़कर तांत्रिकों
द्वारा अभिचार कर्म करा देता है। इससे व्यवसाय बाधा एवं गृह क्लेश होता है
अतः इसके दुष्प्रभाव से बचने हेतु सवा 1 किलो काले उड़द, सवा 1 किलो कोयला
को सवा 1 मीटर काले कपड़े में बांधकर अपने ऊपर से २१ बार घुमाकर शनिवार के
दिन बहते जल में विसर्जित करें व मन में हनुमान जी का ध्यान करें। ऐसा
लगातार ७ शनिवार करें। तांत्रिक अभिकर्म पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।
६. यदि आपको ऐसा लग रहा हो कि कोई आपको मारना चाहता है तो पपीते के २१ बीज
लेकर शिव मंदिर जाएं व शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर धूप बत्ती करें तथा
शिवलिंग के निकट बैठकर पपीते के बीज अपने सामने रखें। अपना नाम, गौत्र
उच्चारित करके भगवान् शिव से अपनी रक्षा की गुहार करें व एक माला
महामृत्युंजय मंत्र की जपें तथा बीजों को एकत्रित कर तांबे के ताबीज में
भरकर गले में धारण कर लें।
७. शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो
नींबू को ४ भागों में काटकर चौराहे पर खड़े होकर अपने इष्ट देव का ध्यान
करते हुए चारों दिशाओं में एक-एक भाग को फेंक दें व घर आकर अपने हाथ-पांव
धो लें। तांत्रिक अभिकर्म से छुटकारा मिलेगा।
८. शुक्ल पक्ष के बुधवार
को ४ गोमती चक्र अपने सिर से घुमाकर चारों दिशाओं में फेंक दें तो व्यक्ति
पर किए गए तांत्रिक अभिकर्म का प्रभाव खत्म हो जाता है।
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Thank you
Best Wishes,
Vijay Goel
Vedic Astrologer and Vastu Consultant,
Cell : +91 8003004666
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